Tuesday 22 August 2023

With apologies to Sahir...

मचलता दरिया पत्थरों की गोद में ऐसा लगता है,

उमड़ते आते हैं मेरे ख़यालात तेरे विसाल में जैसे,

तेरी दीद को हुई मुद्दत लेकिन ख़ाब तेरे बुनता हूँ,

और यूंही कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है।


गुज़रती तो होगी तुम आज भी उन गलियों से,

जिन से गुज़रा था जनाज़ा हमारी मोहब्बत का,

क्या तलाशती भी हो मेरे क़दमों के निशां उनमें,

या बस कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है।


ज़मीं पर या सितारों में खो गयी हो क्या कहीं,

मेरी जो उम्मीदें थीं वो क्या ग़लत थीं कि सही,

या फिर मैं तेरा और तुम मेरी कभी थीं ही नहीं,

ऐसे ही कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है।

Thursday 15 June 2023

 ख़ाक तो ख़ाक है, उड़ेगी तो बिखर जाएगी 

तेरे वादों की तरह, नज़र नहीं आएगी,


चाहे जितना भी भटक लूँ हर सू 

मंज़िल मेरी राहों में नहीं आएगी,


सदियों का सफर है और जागता हूँ 

नींद आखों में मेरी नहीं आएगी,


हर्फ़-ए -ताल्लुक़ ला-इलाज सही 

ख़ामोशी दवा बनके जिलायेगी। 

Saturday 19 November 2022

आज़ाद शेर

कभी नफरतों में मिला सुकूं कभी चाहतों ने रुला दिया,

तुझे पा लेना था मुनफ़रिद* सो हमने तुझको भुला दिया



Thursday 11 August 2022

कश्मकश

मेरी कहानी में तेरा नाम नहीं,

ऐसे भी तो कोई एहकाम नहीं | 


तेरी याद न आये मुझको दफ्फतन,

यूँ भी तो गुज़री कोई शाम नहीं | 


ख़लिश मिटती नहीं है बरसों से,

ज़िंदा रहना ही बस तो काम नहीं | 


तवील रस्ते पुकारते हैं हर सू,

मंज़िलों का मुझे एहतेराम नहीं | 


मेरी कहानी में तेरा नाम नहीं,

ऐसे भी तो कोई एहकाम नहीं | 

गांव की आख़री आवाज़

आज सब ज़िन्दगी का जमा यहीं छोड़ चल चले,

सर्द बदन हम सबको बिलखता छोड़ चल चले | 


बहुत याद करोगे मुझको जब सब तरफ देखोगे,

लगा कर दरख़्त हम उनमें फल लगा चल चले | 


बस तुम ही नहीं आज ये कमरा भी है अश्कज़दा,

यतीम तुम्हारे साथ हम इसको भी कर चल चले | 


तुम्हें देख यहां याद किया करेंगे लोग मुझको,

तुम में ही बसाकर हम अपनी यादें  चल चले | 


पढ़ कर कुछ आयात बख्श देना मुझको तुम,

तुम्हें गोद में खिला आज तुम्हारे काँधे चल चले | 

Wednesday 29 June 2022


मैं ज़िंदा हूँ

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कहने दो

मुझे कहने दो

बहने दो

मुझे बहने दो


मैं ज़िंदा हूँ

ख्वाब ज़िंदा हैं मेरे।


ठहरा है

वजूद मेरा

तारीक है

रस्ता मेरा

मुझे चलने दो

मुझे चलने दो

मुझे कहने दो

मुझे बहने दो


मैं ज़िंदा हूँ

ख्वाब ज़िंदा हैं मेरे।


शोर है

खमोशी में

होश है

मदहोशी में

मुझे पीने दो

मुझे पीने दो

मुझे कहने दो

मुझे बहने दो


मैं ज़िंदा हूँ

ख्वाब ज़िंदा हैं मेरे।


रोको नहीं

मेरी बात को

ढलने दो अब

इस रात को

मुझे जीने दो

मुझे जीने दो

मुझे कहने दो

मुझे बहने दो


मैं ज़िंदा हूँ

ख्वाब ज़िंदा हैं मेरे।